कई संस्थाओं ने समारोहों में स्वागत-सम्मान के अवसर पर भेंट दिए जाने वाले फूलों के गुच्छे की जगह पौधे उपहार में देने की सुंदर नीति अपनाई है। इस देश के भूगोल, उसकी जलवायु और उसकी ग्रीष्म-ऋतु की मांग भी यही है कि उसके पौधों और वृक्षों की संख्या में बढ़ोतरी हो।
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