इतिहास में ऐसे अनेक दृष्टांत मौजूद हैं, जिनमें हम देखते हैं कि विफलता के बाद आलोचनाएं सुनने और हार कर बैठने के बजाय कुछ लोगों ने अपनी क्षमता पर विश्वास करके इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज कराने में कामयाबी हासिल की।
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