हमारे समाज में लड़कियों को यह अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। उन पर जाति को टूटने से बचाए रखने की जिम्मेदारी है। वह जाति और धर्म के बंधन में बंधी हुई एक गुड़िया मानी जाती है, जिसका काम दूसरों की कही बातों पर सिर्फ अपनी मौन स्वीकृति देनी है, कुछ कहना नहीं है।
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