आज स्थिति यह है कि ट्रेन के कूपे में बैठा आदमी यात्रा समाप्त होने तक एक दूसरे से एक शब्द भी नहीं बोल पाता। हाथ में मोबाइल होता है और दूर कहीं बात चलती रहती है, पर बगल में बैठे आदमी से दो मीठे बोल भी नहीं बोल सकता।
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