अपने देश में विपरीत लिंग के व्यक्ति से बात करने का नजरिया सहज नहीं है। परिवार से लेकर विद्यालयों तक में इसका प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। लड़कियों के मामले में बात बहुत ही अलग तरह से काम करती है।
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