यह धारणा वे अपने अनुभव के आधार पर नहीं, बल्कि सुनी-सुनाई बातों के आधार पर बनाते हैं। धारणा बनाना और उससे निकलना आसान काम नहीं है, बल्कि धारणागत चीजों के कारण लोगों को कई बार अपने जीवन में खुद भी नुकसान उठाना पड़ता है।
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