पंद्रह मिनट स्वच्छ वातावरण में बैठ कर रीढ़ की हड्डी को सीधा रख कर अनुलोम-विलोम, शीतकारी, शीतली तथा उज्जाई प्राणायाम इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने में अत्यंत सहायक हैं। श्वास की गति जितनी धीरे होगी, मन उतना ही शांत होगा।
from Jansattaजीवन-शैली – Jansatta https://ift.tt/2X9F6zV
from Jansattaजीवन-शैली – Jansatta https://ift.tt/2X9F6zV
Comments
Post a Comment