मगर बच्चे अक्सर इस प्रचलित समझ से परे अपनी समृद्ध उपस्थिति दर्ज कराते हैं। वे अपनी गतिविधियों, बातचीत और सहज मेधा से यह सिद्ध करते रहते हैं कि उन्हें महज कोरा कागज समझना गलत है।
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