बुजुर्ग दादा-दादी, माता-पिता को साथ रखना भी लोगों को बोझ लग रहा है। यह बेवजह नहीं है कि आज वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ती जा रही है। युवा और बच्चे या तो काम में या फिर खुद में गुम रहते हैं और ऐसे में घरों में हमारे बुजुर्ग अकेले रहने लगे हैं।
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