बड़े शहरों मेंं छोटे घरों का चलन बढ़ रहा है, इसलिए कि बड़े घर खरीदना सबके वश की बात नहीं। मगर जब घर की साज-सज्जा करने की बात आती है तो अक्सर लोग बड़े घरों की साज-सज्जा की नकल करते हैं। बड़ी मेजें, सजावट की भारी वस्तुएं और रौशनी के आधुनिक उपकरण ही जेहन में घूमते रहते हैं। छोटे घरों में बेतरतीब साज-सज्जा और बेवजह सामान जमा करने से उनमें उठने-बैठने, चलने-फिरने तक की जगह काफी संकरी रह जाती है। ऐसे में छोटे घर की साज-सज्जा के बारे में पेश हैं रवि डे के सुझाव।
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