हंसना, मुस्कुराना, खुश रहना दुनिया को और अधिक सुंदर और प्रफुल्लित बनाए रखने की एक बहुत कारगर युक्ति मानी जा सकती है। प्रसन्न बने रहने के महत्त्व को अनेक चिंतकों, विद्वानों, समाजशास्त्रियों और कलाकारों ने बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने ऐसे उपाय किए, रुचिकर साधन विकसित कर ऐसे रास्ते सुझाए जो लोगों के जीवन में हंसी और प्रफुल्ल रहने के अवसर पैदा कर सकें।
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