गलत या अशोभनीय बयान देने पर भी ग्लानि भाव की जगह नेता मीडिया पर दोष लगाते हुए उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया बताते रहते हैं। व्यक्तिगत जीवन में हमारे अंदर का यह पश्चाताप का बोध समाप्त-सा होता जा रहा है।
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