मजबूत बुनियाद के लिए प्रेरणा की आवश्यकता होती है। प्रेरणा दो प्रकार से व्यक्ति के अंदर आती है- बाहरी और आंतरिक प्रेरणा। बाहरी प्रेरणा के स्वरूप को देखें तो इसमें स्थायित्व नहीं होता, बल्कि ये क्षणिक होती है, जिसका बिखरना तय है।
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