थड़ी की कड़क अदरक वाली चाय का स्वाद ही अलहदा है। वह स्वाद नजाकत और तमाम तामझाम के साथ दूध, शक्कर, चायपत्ती डाल कर चाय बनाने वाले ब्रिटिश अंदाज में नहीं आ सकता। चाय बनाने की यह ठेठ खांटी शैली ही चाय को सर्वहारा तक जोड़ पाई है और उसका सफर ऊंचे होटलों, महलों से निकल कर आम जन तक पहुंचा है।
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