समस्या यह नहीं है कि वे भाषा कौन-सी प्रयोग कर रहे हैं, बल्कि यह है कि उनकी सोच कैसे और क्यों इतनी कुंठाग्रस्त हो गई! आपने अपशब्दों का प्रयोग बोल कर किया या फिर किसी के लिए अपने मन में ही उन शब्दों को उच्चरित किया, इसमें बहुत फर्क नहीं पड़ता। मुख्य समस्या है एक घृणित मानसिकता की।
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