गांव की तस्वीर एकदम बदरंग और दयनीय दिखाई पड़ रही है। गांव के धूल-धूसरित जीवन से सब मुक्ति चाहते हैं, लेकिन मैं गांव और उसकी शीतल छांव चाहता हूं।
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