कहते हैं सर्दी में रंग-रंग के सपने आते हैं। हमारे पंचतत्त्व जैसे हवा अपनी गति भूल कर ठोस बन जाती है, आसमान के नाम पर चारों ओर एक घना परदा छाया रहता है। कहानी एक बूढ़े बाबा की, जो देश के हर कोने में दिखाई पड़ जाते हैं। बूढे़ बाबा को अपने परिवार के द्वारा ठुकराया गया है। भीख मांगने के लिए उन्हें तमाशाई दुनिया में धकेल दिया गया है। जब तक गरमी-बरसात थी तो जैसे-तैसे उन्होंने खुद को बचा लिया।
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