संयुक्त परिवार में सदस्यों का एक दूसरे के प्रति जिम्मेदारियों के कर्तव्यबोध का अहसास बखूबी होता है। घर में बुजुर्गों के प्रति आदर और सम्मान का भाव दृष्टिगोचर होता है। परिवार के जरूरी निर्णय में बड़े बुजुर्गों से सलाह-मशविरा करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाता है। परिवार के सभी सदस्य उनकी इज्जत करते हैं और उन्हें कोफ्त में रोटी तोड़ने वाला भी नहीं माना जाता है।
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