भारत विश्वगुरु था, योग सिद्धांतों को छोड़ दिया तो विश्व का सेवक बन गया। पुन: विश्वगुरु बनना है तो योग को केवल अपनाना नहीं, बल्कि योग के विशुद्ध ज्ञान को विश्व में फैलाना होगा। भारत के पास वह आध्यात्मिक विद्या है, जो विश्व के किसी भी देश के पास नहीं है। योग विद्या के कारण भारत समूचे विश्व पर प्रभाव छोड़ सकता है।
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