प्रशांत किशोर की पसंदीदा किताब है ‘Nehru and Bose: Parallel Lives’, खाली वक्त का यूं करते हैं इस्तेमाल
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का कहना है कि मैं जो भी हूं अपने माता-पिता के कर्मों की वजह से हूं। प्रशांत किशोर के मुताबिक उनके पिता अक्सर उनसे कहते थे कि अगर किसी व्यक्ति ने कुछ हासिल किया है तो उसके अंदर कुछ न कुछ खूबी जरूर होगी।
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