हमारे एक मित्र कवि-शायर तो नहीं हैं, मगर उन्हें शेरो-शायरी, कविताएं जमा करने का शौक है। अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित कविताओं-गजलों को वे अपनी सुंदर लिखावट के साथ अपनी नोटबुक में सहेज लेते हैं।
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