काश! हमारी जवानी आने के दिनों में ऐसा हो पाता। हम भी तो देखते कि जवान दिल वास्तव में जब किसी के प्यार में धड़कता है तो कैसा होता है उसका अहसास! हमारे पास तो जवानी के मामले में जो आधी-अधूरी जानकारी है, वह हमें नीले-पीले लुगदी साहित्य या उस ‘साहित्य’ के जरिए मिली हुई है, जिसे लोग तब भी और आज भी घनघोर अश्लील, लेकिन अपनी ‘धरोहर’ मानते हैं।
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