आज दुनिया का हर इंसान छोटी-बड़ी किसी न किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा को भोग रहा है। रोगों ने इंसानों का सुख छीन लिया है। अस्पताल और क्लीनिक रोगों और रोगियों से अटे पड़े हैं। दिन-प्रतिदिन चिकित्सक और औषधियों का अभाव बढ़ता जा रहा है, जबकि आज के समय में सरकारें सबसे अधिक ध्यान स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर देने का दावा कर रही हैं।
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