किसी जमाने में शांतिनिकेतन को ‘भुवनडांगा’ भी कहा जाता था। रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने इसकी नीरवता और यहां की शांति को देखकर इसका नाम शांतिनिकेतन रखा। 15 मई, 1817 को जन्मे देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1848 में ब्रह्म समाज की स्थापना भी की थी। देवेंद्रनाथ टैगोर वर्ष 1863 में शांतिनिकेतन आए।
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