अब मैंने गौर से देखा कि यह महुआ का पेड़ था। मैं सोच रहा था कि मुझे कोई साहब या अफसर समझ कर बुजुर्ग दंपति एक सिरे से अनजान बन जाएंगे। मगर उन्होंने सहज भाव से साफ-साफ सच बयान कर दिया। मैंने उनसे बातचीत शुरू कर दी। मैंने गौर किया कि अभी महुआ वृक्ष से टपकना आरंभ नहीं हुआ है। हां, महुआ का पेड़ पहलू जरूर बदल रहा था।
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