बड़ी लंबी कहानी है मिट्टी के पात्रों और पानी की। जब घरों में फ्रिज नहीं थे और अभी भी सब घरों में फ्रिज कहां हैं- तो क्या अमीर और क्या गरीब-गुरबा, मिट्टी के पात्रों में ही पानी भर कर ‘ठंडा पानी’ पीते थे गरमी में। ‘फिल्टर वाटर’, ‘मिनरल वाटर’ तब अनजानी चीजें थीं।
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