सृष्टि का सारा वजूद चलने की प्रक्रिया के कारण कायम है। प्रकृति का संतुलन सौरमंडल की चाल पर निर्भर है। दिनमान, ऋतुचक्र और इंसान- सब इससे बंधे हैं। सांस यानी हृदय की धड़कनों का चलना जीवन की अनिवार्य शर्त है। सांस का चलना बंद होते ही इंसान और जानवर निर्जीव हो जाते हैं। आग और पानी के साथ जीवन के लिए हवा का चलना भी बेहद जरूरी है। हवा का चलना बंद हो जाए तो जीवों का दम घुटने लगे।
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