हमारे यहां संयुक्त परिवार थे। एक-दूसरे से गुंथे-उलझे घर के सदस्य! सुख-दुख में एक साथ! गमी-कमी में एक साथ! सुख-सुविधाओं के अभाव में भी वे भीतरी संपन्नता का जीवन जीते थे! घर में पांच-छह भाई-बहन आपस में खेलते, लड़ते-झगड़ते एक साथ बड़े होते थे! आज वैश्वीकरण की संस्कृति में हमारे यहां भी एकल परिवार हो गए है!
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