सवाल अनगिनत है। लेकिन अब तक के हालात के आधार पर कहा जा सकता है कि कठोर से कठोर कानून भी अब तक ऐसे अपराधों को कम नहीं कर पाए हैं। बलात्कार और छेड़खानी के अधिकतर मामले झूठे सम्मान, कानूनी समझ की कमी, रसूखदारों का असर, गरीबी, सामाजिक बनावट, औरत की दोयम स्थिति आदि के कारण दबे रह जाते हैं।
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