हमारे देश में सैर पर जाने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और अब वह वरिष्ठ नागरिकों के (स्त्री-पुरुष दोनों) के बीच पहले से अधिक लोकप्रिय हो गई है, जो आमतौर पर तीन-चार या अधिक सदस्यों की टोली में सैर करते हैं, बतियाते हुए। इनमें से कई सैर का समापन एक ‘गोष्ठी’ से करते हैं- किसी पुलिया पर, पार्क की किसी बेंच पर या चाय की किसी दुकान पर।
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/3jQEiwc
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/3jQEiwc
Comments
Post a Comment