मनुष्य हो या फिर पशु-पक्षी ,सभी को रहने के लिए घर की दरकार महसूस होती है। सभी तरह के सजीव लोग अपनी-अपनी सुरक्षा और सहूलियत के अनुसार मकान या घोंसलों का निर्माण करते हैं। लेकिन जब गौरैया को अपने नीड़ के निर्माण करते देखा तो यह सोचने को मजबूर हो गया कि एक पक्षी में इतनी समझ है कि वह एक डिग्रीधारी इंजीनियर को भी पीछे छोड़ देता है।
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