हमने क्या सीखा? संकट से हम कैसे पार हुए? जो जीत जाएंगे, उनके पास हौसला होगा कि जिसे वे अपना जीना मान रहे थे, वे सारी सुख-सुविधाएं उनसे छिन गईं, तब भी वे जी सकते हैं। सुख-सुविधाओं का होना, आपका होना नहीं होता। सुख-सुविधाओं को हटा देने पर जो बचता है, वह हमारा जीवन है।
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/2SufONc
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/2SufONc
Comments
Post a Comment