मिट्टी चाहे खेत की हो या चौखट की, हमने सदैव उसे मस्तक झुका प्रणाम किया। अपने गांव, देश की मिट्टी से प्रेम का यह आलम था कि कोई विदेश जाता तो लौट कर सबसे पहले अपनी मिट्टी को चूमता। खिलाड़ी खेलने जाता तो अपने देश की एक चुटकी मिट्टी भी साथ ले जाता। खेलने से पहले माथे पर उसी मिट्टी से तिलक करता। देश प्रेम पर कोई फिल्म बनती तो उसमें मिट्टी से लगाव पर किसी गीत की रचना होती।
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