हमारे समाज में इन लोगों को बुद्धिजीवी नहीं कहा जाता। क्या ये अपनी एड़ी का इस्तेमाल करके इस तरह के खूबसूरत काम करते हैं? या फिर खुद को विशेष जीव के रूप में स्थापित करने के लिए चंद लोगों ने खुद को बुद्धिजीवी कहना शुरू कर दिया है? जो ‘बुद्धिजीवी’ नहीं, उन्हें खुद से दूर रखना और उनको बुद्धि का दुश्मन साबित करने का भी उनका अचेतन एजेंडा रहा होगा।
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