मानव युगों से यह कशमकश कर रहा है और वह अज्ञानता का यात्री होने के बावजूद ज्ञान की खोज कर रहा है। पृथ्वी, आग, हवा, पानी और आकाश- इन पंच महाभूतों के गोलाकार में तेजोनिधि देवता यानी- सूर्य। सूर्य की उपासना हमारी परंपरा है। क्या यह ज्ञानोपासना की परंपरा नहीं है? इस निसर्ग के असंख्य और अनाकलनीय बातों को खोज लेने वाला मानव एकमात्र प्राणी है। उसे एक छठी इंद्री भी मिली है- मन।
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/36wMigh
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/36wMigh
Comments
Post a Comment