अपने शुरुआती दिनों में ही कोविड-19 एक ऐसा अनुभव लेकर आया जिसने जिंदगी के प्रति मोह को नए सिरे से परिभाषित किया। साथ ही इस दौरान सृजन और अभिव्यक्ति की वह दुनिया भी फिर से परिभाषित हुई जिसमें कहने-समझने और सीखने का एक नया तजुर्बा संवाद के हामीदारों के हिस्से आया। तकनीक ने इस तजुर्बे का जिस तरह साथ दिया वह भी मौजूदा देशकाल के खाते में दर्ज नया और अनूठा अनुभव है।
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