12 साल की उम्र में ही सरोजिनी नायडू ने पास कर ली थी मैट्रिक की परीक्षा, विदेश में पढ़ाई के लिए निज़ाम ने दिया था वजीफा
सरोजिनी नायडू ने गांधीजी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और 'भारत छोड़ो' आंदोलन में वह जेल भी गईं। 1925 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कानपुर अधिवेशन की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष बनीं।
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