किसी ने क्या खूब कहा है- ‘हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते/हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं।’ ...या फिर ‘ख्वाब टूटे हैं मगर हौसले जिंदा हैं/हम वो हैं, जहां मुश्किलें शर्मिदा हैं।’ ...और ये भी कि ‘हर रोज गिर कर भी मुकम्मल खड़े हैं/ ऐ जिंदगी देख, मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।
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