अनाज को मुनाफे की पैदावार बनाने की होड़ ने विकास के दावों के आगे तो जरूर कई शून्य जोड़ दिए पर इस कारण दुनियाभर में लोगों को सेहत के बड़े नुकसान से भी जूझना पड़ा है। गनीमत है कि अब फिर से अनाज के मोटे और खुरदरे दानों का चलन लौट रहा है। जैविक उत्पाद की बढ़ी मांग के साथ पूरी दुनिया में अनाज और रिवाज की नई समझ भी बन रही है।
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