सूर्य नमस्कार के अभ्यास के दौरान पेट के अंगों में खिंचाव आता है, जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। समान और अपान वायु को संतुलित कर यह पेट संबंधी रोगों का नाश करता है।
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