एक्सीडेंट ने छीन लिए दोनों पैर, डिप्रेशन ने भी घेरा पर नहीं मानी हार, प्रेरणादायक है पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वालीं अवनि लेखरा की कहानी
टोक्यो पैरालंपिक में भारत की अवनि लेखरा ने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड जीत लिया है। इसी के साथ वह टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर की रहने वाली अवनि का जीवन एक कार हादसे ने पूरी तरह बदल कर रख दिया था। इस हादसे के बाद डॉक्टरों ने बताया था कि वह कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाएंगी क्योंकि इसमें उनके दोनों पैरों पर बुरी तरह चोट आई थी।
2015 में शुरू की थी शूटिंग: अवनि के साथ ये हादसा महज़ 11 साल की उम्र में हुआ था। साथ ही उनकी रीढ़ की हड्डी में भी गंभीर चोट आई थी। अवनि के पिता ने ‘दैनिक भास्कर’ से बात करते हुए बताया, ‘मुझे तो यकीन भी नहीं हो रहा है कि मेरी बेटी ने गोल्ड जीत लिया। एक्सीडेंट के बाद अवनि को डिप्रेशन होने लगा तो मैं मन बहलाने के लिए शूटिंग रेंज लेकर गया था। वहीं से उनकी रुचि इसमें जागी और आज वह गोल्ड जीतने में भी कामयाब हो गईं। इससे पहले भी अवनि ने कई खेलों में हाथ आजमाया, लेकिन उसे निशानेबाज़ी में ही अच्छा लगता था।’
अवनि के पिता रेवेन्यु अपील अधिकारी हैं और अभी राजस्थान के गंगानगर में ही सेवाएं दे रहे हैं। इंडिया टुडे के मुताबिक, अवनि ने इंटरव्यू में अपने पिता की तारीफ भी की थी। उन्होंने कहा था, 2015 में मेरे पिता शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में ले गए थे और मैंने दोनों की कोशिश की। पहली बार में ही राइफल पकड़ने के बाद मुझे शूटिंग में ज्यादा जुड़ाव महसूस हुआ था।’ शूटिंग में उनका रुझान अभिनव बिंद्रा के बारे में जानने के बाद भी हुआ था। उन्होंने बिंद्रा की जीवनी पढ़ी थी और अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई: अवनि लेखरा के गोल्ड जीतने के बाद पीएम मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है। पीएम ने लिखा, ‘असाधारण प्रदर्शन। उनके मेहनती स्वभाव और खेल के प्रति जुनून से ही ये सब संभव हो पाया है। ये भारतीय खेल जगत के लिए विशेष लम्हा है। आपको उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।’ साथ ही पीएम ने अवनि को गोल्ड जीतने पर फोन कर भी बधाई दी है।
अवनि के अलावा इन खिलाड़ियों ने भी जीते मेडल: अवनि लेखरा के अलावा भारत के तीन और खिलाड़ियों ने भी पैरालंपिक में भारत का नाम रोशन किया है। अवनि से पहले योगेश कथुनिया ने भारत को डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल दिलाया। उनके अलावा देवेंदर झाझरिया ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर जीता था। सुंदर सिंह गुर्जर ने भी जैवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार ने अपने 19.91 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता है। भाविनाबेन पटेल ने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा। इन सभी खिलाड़ियों को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत की बधाई दी थी।
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