बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। मायावती ने किसान आंदोलन को भी अपनी पार्टी का समर्थन दिया है। इस बीच मायावती का वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला के साथ इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इसमें मायावती अपनी बात रखते-रखते काफी नाराज हो जाती हैं।
साल 2005 के इस इंटरव्यू में प्रभु चावला पूछते हैं, ‘जब आप कांग्रेस पर दबाव डालती हैं तो केस करके आपके ऊपर दबाव डाल देते हैं। मायावती आखिर किस चीज से घबराती हैं? मैं इतनी देर से देख रहा हूं आप बार-बार कह रही हैं कि मायावती नहीं घबराती है।’ मायावती कहती हैं, ‘मैं इंसान ही हूं और इंसानों को डर लगना भी स्वभाविक है। मेरी छवि खराब करने के लिए मेरे ऊपर झूठे केस भी सीबीआई से लगवाए जा रहे हैं, लेकिन मैं इन सभी चीजों का पूरी तरह डटकर सामना कर रही हूं।’
कांग्रेस-बीजेपी एक जैसी पार्टियां: मायावती आगे कहती हैं, ‘कांग्रेस और बीजेपी सभी एक जैसी पार्टियां हैं। इन लोगों की मानसिकता अभी भी मनुवादी है और इन्हें मानवतावादी बनने में समय लगेगा। झूठे केस से मुझे तो ठेस पहुंचती है, लेकिन घबराने जैसा कोई सवाल पैदा नहीं होता है। सरकारी नौकरियों में अभी भी आरक्षण का कोटा पूरा नहीं होता है। ये बड़ी पार्टियां मिलकर जानबूझकर आरक्षण को खत्म करने का प्रयास कर रही हैं।’
प्रभु चावला पूछते हैं, ‘कांशीराम जी तो कहते हैं कि जितना स्थिरता रहेगी, उतना ही बहुजन समाज को इसका फायदा होगा। अब आपकी सरकार तो यूपी में लंबे समय तक चल नहीं सकी?’ मायावती कहती हैं, ‘राजनीति में स्थितरता रहती है तो बहुजन समाज को फायदा होगा। हमने कभी किसी पार्टी की सरकार नहीं गिराई। हम लोग तो हमेशा सरकार बनाने की ही कवायद करते हैं। मुझे लगता है कि 10-12 साल में बहुजन समाज पूरी तरह तैयार हो जाएगा, एक स्थिर सरकार देने में।’
बता दें, साल 2007 में बहुजन समाज पार्टी को यूपी की जनता ने बहुमत दिया था और सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद मायावती मुख्यमंत्री बनी थीं। पहली बार मायावती ने बतौर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा किया था, लेकिन 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बाजी मार ली थी और मायावती को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। मुलायम सिंह ने अपने बेटे अखिलेश यादव को यूपी की कमान सौंप दी थी।
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