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डायबिटीज में इस तरह से करना चाहिए चावल का सेवन, ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मिल सकती है मदद!

भारतीय घरों में चावल के बिना खाने की थाली पूरी नहीं होती है। भारत के बहुत से परिवारों में चावल खाना लोगों को पसंद होता है। लेकिन चावल खाने से इंसान को कई नुकसान हो सकते हैं। यह आपके शरीर के वजन को बढ़ा सकता है या यहां तक ​​कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को भी इसे न खाने की सलाह दी जाती है।

लेकिन आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है ? इसलिए होता है क्योंकि लोग इसे ठीक से नहीं पकाते हैं, जिससे इसका पोषण तो निकल जाता है, लेकिन इसका हानिकारक तत्व आर्सेनिक शरीर में चला जाता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि चावल ठीक से तैयार हो। आइए जानते हैं कि मधुमेह पीड़ित लोगों को चावल किस तरह से पकाना चाहिए-

चावल पकाने की इस विधि को वैज्ञानिक ने पीबीए यानी अवशोषण विधि के साथ उबालना (Parboiling With Absorption Method) नाम दिया है, जिसकी खोज यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड ने की है। साइंस ऑफ द टोटल इनवायरमेंट में प्रकाशित एक शोध में इस पीबीए पद्धति का वर्णन किया गया है। इस विधि के अनुसार सबसे पहले चावल को पहले से उबालना चाहिए, जिसमें चावल तैयार करने से पहले इसे 5 मिनट तक उबाला जाता है। इससे आर्सेनिक दूर हो जाता है।

चावल धीमी आंच पर पकाएं। जब चावल पानी को अच्छी तरह सोख ले, तो गैस बंद कर देनी चाहिए। शोध के अनुसार, अगर चावल को इस तरह से पकाया जाता है, तो ब्राउन राइस से 50 प्रतिशत तक आर्सेनिक को हटाया जा सकता है, जबकि सफेद चावल से 74 प्रतिशत तक आर्सेनिक को हटाया जा सकता है।

यह एक ऐसा रसायन है, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे आर्सेनिक खनिजों में मौजूद एक रसायन होता है। इसका उपयोग अक्सर कीटनाशकों के तौर पर किया जाता है। वहीं उल्टी, पेट दर्द, डायरिया या कैंसर आदि की वजह बन सकता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि चावल को कुछ इस तरह पकाना चाहिए कि उसका आर्सेनिक निकल जाए। आर्सेनिक खनिजों में मौजूद एक रसायन है। आर्सेनिक को कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके संपर्क में आने से व्यक्ति को उल्टी, पेट दर्द, डायरिया या कैंसर भी हो सकता है। इसलिए, चावल को इस तरह पकाने की सलाह दी जाती है कि वह आर्सेनिक को हटा दे।

यदि इस तरह से चावल पकाया जाता है, तो इससे न सिर्फ आर्सेनिक निकलता है और व्यक्ति कई गंभीर बीमारियों से खुद को बचा सकता है। बल्कि इससे और भी कई फायदे मिल सकते हैं। पीबीए तकनीक से चावल पकाने से उसमें मौजूद स्टार्च की मात्रा भी कम हो जाती है। जिससे यह मधुमेह रोगियों को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है। स्टार्च कम होने पर चावल खाने से ब्लड शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ता है।



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