दरअसल, लोग अपने-अपने हिसाब से अपनी रचनात्मकता को अभिव्यक्त करने का रास्ता इस विवश घर-घुस्सू समय में निकाल रहे हैं। आमतौर पर लड़ाई-झगड़ों के प्रकरणों में घर में घुस जाने, घर में घुस कर बैठने और घर से बाहर निकलने की चुनौतियां देने वाली घटनाएं कम न होंगी, लेकिन यहां शत्रु इतना अदृश्य है कि किसी भी किस्म की आहट, ‘जरा-सी आहट होती है तो दिल सोचता है, कहीं ये वो तो नहीं’।
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/30z7XBB
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta https://ift.tt/30z7XBB
Comments
Post a Comment