तेजी से बदलते सामाजिक-आर्थिक परिवेश में विद्यालय और महाविद्यालयों में ऐसे पाठ आमतौर पर कम ही पढ़ाए जाते हैं, जहां वर्तमान और भविष्य के जीवन को अच्छे विचारों के आधार पर खड़ा किया जाए।
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta http://bit.ly/2waMfVO
from Jansattaदुनिया मेरे आगे – Jansatta http://bit.ly/2waMfVO
Comments
Post a Comment