उस प्रसंग को याद कर आज भी आंखें भर आती हैं। हृदय में एक हूक-सी उठती है। लेकिन सच से कितना मुंह चुराया जा सकता है। हो सकता है कि यह उनकी इच्छा और जरूरत रही हो, लेकिन उन्होंने एक बार भी यह नहीं कहा कि मैं क्यों जा रहा हूं...
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