जीवन की संरचना समूह के रास्ते बनती है। समाज की प्रक्रिया से जुड़ने के क्रम में संसार के हो जाते हैं और संसार हमारा हो जाता है। इस तरह व्यक्ति और समाज इस ज्ञान संसार में एक दूसरे को जोड़ते हुए जीवन को समृद्ध करते हैं।
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