किसी ने कहा है कि भ्रम मन को भटका देता है और मनुष्य फिर उसी भ्रम को जीने लगता है। आधे से ज्यादा तो अपने शौक के बोझ तले दबे हुए से लगे। कुछ देर बाद एक-दो विद्यार्थी, जो अब तक खामोश बैठे थे, वे आगे आ गए।
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